वह अकेले परमानंद के निजी पल में लिप्त हैं ।
625 100%
Vah akele parmannd ke niji pal men lipt hain .
एक गहरा व्यक्तिगत और अंतरंग क्षण जहां एक व्यक्ति खुशी, खुशी, या पूर्ति की गहरी भावना के सामने आत्मसमर्पण कर रहा है, एकांत में अनुभव का स्वाद ले रहा है, और खुद को पल की खुशी में पूरी तरह से मौजूद होने की अनुमति दे रहा है।